Vegan Milk substitute for Dairy Milk
AROGYAM
umesh ch oberoi
6/1/2021
समाचार के अनुसार पेटा इंडिया (PeTa India) ने अमूल (Amul) से कहा कि वे पारम्परिक पशु आधारित दूध (dairy) से वनस्पति आधारित दूध अर्थात् 'vegan milk' पर स्विच करना शुरू करें.
पेटा इंडिया (PeTa India) चाहता है कि अमूल (Amul) को 'vegan milk products' के उत्पादन के बारे में काम करना चाहिए. पेटा का कथन है कि अमूल (Amul) को तेजी से बढ़ रहे vegan milk मार्केट का लाभ उठाना चाहिए.
पेटा इंडिया के Amul से डेयरी(पशु दूध) छोड़ने की सलाह से अमूल में घबराहट
अधिकतर vegan milk या plant based milk को पेड-पौधों के बीज, फल या फलियों से बनाया जाता है. आज ज्यादातर फिल्म-स्टार्स हो या sports celebrities सभी *vegan foods के मुरीद हो रहे हैं. इसलिए वें vegan milk को पशु दुग्ध के मुकाबले ज्यादा तरजीह दे रहे हैं.
यह सभी लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता क्योंकि इसमें प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है और फैट की मात्रा भी कम होती है इसलिए फैट से सम्बंधित बीमारिया होने का खतरा भी कम होता है. vegan milk में विटामिन्स और खनिज लवण पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है.
Factors that why we use vegan milk?
1- पशुओं को उनके पालक बहुत ही गंदे वातावरण में रखते है और पौष्टिक चारा भी उपलब्ध नहीं कराते हैं. दूध निकालने के लिए injection का सहारा लिया जाता है. इसके अलावा उनके साथ क्रूरता पूर्वक व्यवहार किया जाता है. ऐसी परिस्थितियों में इन पशुओं और उनके उत्पाद (मांस, दूध) रोगग्रस्त व जहरीला हो जाता है.
एक ओर जहां पशुओं से दूध प्राप्त करने के लिए उन्हें प्रताड़ित किया जाता है और क्रूरतापूर्ण व्यावहार किया जाता हैं वहीं vegan milk, पशुओं को नुकसान पहुंचाए बग़ैर पाया जा सकता हैं.
2- WHO (world health organisation) की एक रपट के अनुसार नकली और प्रदूषित दूध के कारण आने वाले समय में देश की जनता को बड़ी संख्या में कैंसर अपने चपेट में ले सकती है.
स्वभाविक है कि लोगों ने इस ओर ध्यान देना शुरू कर दिया है और इसके विकल्पों की तलाश कर रहे हैं. इसी परिप्रेक्ष्य में vegan milk एक उत्तम विकल्प बनकर सामने आया है.
3-Vegan milk स्वास्थय के लिए बहुत गुणकारी होता हैं. इसमें Fibers होती है जो किसी भी पशु दूध में नहीं पायी जाती है. ये हमारे शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ ही साथ पर्यावरण को भी नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं.
4- मनुष्य आदिकाल से ही दूध का प्रयोग करता आया हैं और इससे बनी चीज हमारे स्वास्थ्य के लिये आवश्यक है. इसमें पाया जाने वाला 'lactose' कुछ लोगों के स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं होता है, क्योंकि इससे उन्हें 'एलर्जी' होती हैं. इसलिए चाहकर भी डेयरी दूध से दूर ही रहते हैं. ऐसे लोगों के लिए vegan milk एक अच्छा विकल्प बनकर उभरा है.
Benefits of Vegan Milk वेगन मिल्क के फायदे
अगर आपको डेयरी दूध से या किसी अन्य कारण से एलर्जी का खतरा हैै तो vegan milk आपके लिए अच्छा option है.
वजन कम करने के लिए Vegan Milk प्रयोग चलन में है. यह शरीर से फैट घटाने के साथ ही ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित करता है.
8 Types of Vegan Milk
यह कई प्रकार के होते हैं. कच्चा माल सुगमता से उपलब्ध होने के कारण इन्हें घर पर कभी भी बनाया जा सकता है.
विभिन्न प्रकार के vegan milks बाजार में उपलब्ध हैं, परन्तु इन्हें ताज़ा बना कर उपयोग में लाया जाये तो ये ज्यादा स्वादिष्ट और गुणकारी सिद्ध होते हैं.
1- Soy milk सोया दूध
इसे सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है. कई प्रकार के ब्रांडों में, सोया मिल्क बाज़ार में उपलब्ध है परन्तु घर पर ताज़ा बनाया गया सोया दूध बाजार सोया दूध के मुकाबले बहुत ही सस्ता पड़ता है.
यह डेयरी दूध का सबसे लोकप्रिय विकल्प है. यह फाइबर, फैटी-एसिड, विटामिन, खनिज, प्रोटीन, एंटी-ऑक्सीडेंट और मिनरल्स का एक अच्छा स्रोत है. इसमें कैलोरी कम होती है और फाइबर से भरपूर होता है.
सोया दूध में पाए जाने वाले विटामिन बी, शरीर की Nerve Cells और डीएनए को बनाए रखने में मदद करता हैं. यह एनीमिया के कुछ प्रकारों से बचने में भी मदद कर सकता हैं, जो थकान को रोक सकते हैं.
सोया दूध Omega-3 फैटी-एसिड से भरपूर होता है, और ये "स्वस्थ" वसा होते हैं जिन्हें शरीर स्वयं नहीं बनाता है. Omega-3 फैटी एसिड Dementia (भूलने की बीमारी) और Alzheimer (अल्जाइमर) रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है.
Soy milk कैसे बनाये
सोयाबीन के दाने को 6 घंटे पानी में भिगो कर उसके छिलके उतार लें फिर पानी के साथ मिक्सर/blender में डालकर पीस लें. इस पिसे सोया की गूदे में उचित मात्रा में पानी डालकर उसे छान लें. अब छने हुए सामग्री को उबालें फिर ठंडा होने पर छानकर दूध की तरह उपयोग करें.
Soy milk के उपयोग
सोया दूध से दही और पनीर बनाया जाता है. इस सोया पनीर को 'टोफू' भी कहते हैं, अपने गुणों के कारण यह लोकप्रिय है. इससे कॉफी, शेक आदि भी बनाये जा सकते हैं.
2- Coconut Milk
कोकोनट मिल्क, नारियल से बना दूध है. यह बहुत ही स्वास्थ्यकर होता हैं और वजन कम करने में भी मददगार साबित होता है. नारियल दूध हृदय को स्वस्थ, immunity में सुधार और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने का काम करता है.
नारियल के दूध में एक विशिष्ट मध्यम-श्रृंखला का फैटी-acid होता है जिसे 'लॉरिक एसिड' कहा जाता है. इस 'लॉरिक एसिड' में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार कर सकता है.
इसमें उपस्थित मैग्नीशियम मांसपेशियों को आराम पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज हैं और साथ ही साथ पोटेशियम, हृदय के स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी है.
इसमें सेलेनियम और विटामिन सी, और मैंगनीज जैसे एंटीऑक्सिडेंट की थोड़ी मात्रा भी होती है, जो एंटीऑक्सिडेंट को बनाने में मदद करती है.
Coconut Milk कैसे बनाये
इसे बनाने के लिए ताज़ा नारियल को कद्दूकस कर या इसकी गिरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर इसे पानी के साथ मिक्सर / blender में पीस कर फिर छानकर बोतल में सुरक्षित रख लें. ध्यान रहे कि इसे उबालना नहीं है.
Coconut Milk के उपयोग
चाय और कॉफ़ी बनाने के अतिरिक्त नारियल दूध से दही बनाया जाता है. इसके दूध से स्वादिष्ट आइसक्रीम बनाया जा सकता हैं.
घर के बने नारियल के दूध में अपनी पसंद के अनुसार वेनिला, शहद, कोको पाउडर या चॉकलेट मिलाकर स्वादिष्ट बना सकते हैं.
3- Almond milk बादाम का दूध
बादाम का दूध अपनी रंगरूप और स्वाद के कारण सबसे अधिक बिकने वाले plant based milks में से एक है. यद्यपि यह एक processed drink (प्रसंस्कृत पेय) है, फिर भी अन्यों की अपेक्षा एक पौष्टिक और सुरक्षित विकल्प है.
बादाम का दूध पौष्टिकता और पोषण से भरपूर होता है. इसमें कैलोरी बहुत कम होता है. बादाम का दूध दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय वेगन मिल्क में से एक है.
यह डेयरी या पशु-दुग्ध का एक अच्छा विकल्प है क्योंकि यह प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होता है. डेयरी उत्पाद के प्रयोग से कुछ लोगों में मुँहासे का कारण बन सकती है, इसलिए जो इस समस्या से पीड़ित हैं, उनके लिए बादाम का दूध एक अच्छा विकल्प है.
बादाम Vitamin-E का एक अच्छा स्रोत हैं और यह वसा में घुलनशील विटामिन है, जो शरीर की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य करता है.
बादाम के दूध में उपस्थित vitamin-E के कारण यह त्वचा को बेहतर बनाने और आँखों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है.
Almond milk कैसे बनाये
इसे बनाने की प्रक्रिया में बादाम को रात भर या कम से कम बारह घंटे तक पानी में भिगो कर रखें. ज्यादा देर तक भीगे बादाम से दूध क्रीमी होता है.
अब भीगे बादाम को पानी से निकाल कर उसके छिलके को उतार कर ताजे पानी के साथ दानों को महीन होने तक मिक्सर / blender मेें पीस लें. अंत में इसे छान कर कांच के बोतल में भरकर रखें और आवश्यकतानुसार उपयोग करें.
Almond milk के उपयोग
1- इसे डेयरी दूध के स्थान पर प्रयोग कर सकते हैं.
2- अपनी चाय या कॉफी में मिलाकर प्रयोग करें.
3- स्मूदी में मिलाएं.
4- डेयरी मुक्त चावल की खीर या आइसक्रीम बनाएं.
5- सूप, सॉस और सलाद ड्रेसिंग में इसका प्रयोग करें.
6- पके हुए खाद्य पदार्थों में दूध के स्थान पर इसका उपयोग करें.
*जिन लोगों को किडनी स्टोन की समस्या होती है उन्हें बादाम के दूध का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें 'कैल्शियम ऑक्सालेट' होता है, जो आमतौर पर घर के बने बादाम के दूध में अधिक होती है.
4- Cashew milk काजू का दूध
काजू का दूध बाज़ार में जरूर थोड़ा महंगा मिलता है परन्तु घर पर कम कीमत पर आसानी से बनाया जाता है. यदि आपको बादाम या उससे बने products से परहेज हैं तो काजू मिल्क का सेवन कर सकते हैं. बाकी अन्य ड्रिंक्स की अपेक्षा इसमें कैलोरी बहुत कम होती है.
यदि आप कैल्शियम की कमी की समस्या से जुझ रहे है और vegan milk का इस्तेमाल करना चाह्ते हैं तो काजू के दूध का सेवन प्रतिदिन कर सकते हैं.
काजू के दूध में बिल्कुल भी प्रोटीन नहीं होता है इसलिए आप इसे डेयरी दूध की जगह पर प्रयोग कर सकते हैं. अपनी बाकी डाइट में प्रोटीन का सेवन ज़रूर करें वरना शरीर में प्रोटीन की कमी हो सकती है.
Cashew milk कैसे बनाये
इसको उपरोक्त बादाम की भांति ही बनाया जाता है.
Cashew milk के उपयोग
1- काजू में सोडियम कम मात्रा में होती है और पोटैशियम और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है जो हमारे रक्तचाप को नियंत्रण में रखता है.
2- काजू में कॉपर पाया जाता है और इसके नियमित उपयोग से बाल लम्बे, घने, मजबूत और चमकदार बनते हैं और बाल झड़ने की समस्या भी दूर हो सकती है.
3- कैल्शियम की तरह मैग्नीशियम भी हड्डियों के सेहत के लिए जरूरी होता है. इसमे मौजूद मैग्नीशियम हमारी हड्डियों को अन्दर से मजबूत बनाता है.
5- काजू के लाभ है तो कुछ नुकसान भी हैं. अधिक मात्रा में काजू का उपयोग, हाई ब्लड प्रेशर का कारक बन सकती है.
6- काजू में कैलोरी अधिक मात्रा में होती है अतः इसका अधिक सेवन आप के वजन को बढ़ा सकता है.
7- सिरदर्द और माइग्रेन से पीड़ित लोगों को अधिक मात्रा में काजू का उपयोग नहीं करना चाहिए. इस में मौजूद अमीनो एसिड सिरदर्द और माइग्रेन के दर्द को और बढ़ा सकता है.
5- मूंगफली का दूध
इस दूध को बनाने की विधि बादाम या काजू के दूध की तरह ही है. इसे एक कटोरे या जार में रखें और पानी से भर दें और कम से कम रात भर के लिए भिगो दें.
सुबह इसे धोकर पानी, खजूर और वेनिला essence मिलाकर एक ब्लेंडर में डालकर पिसे. इसके गूदे को छानकर दूध को बोतल में भर लें.
इसमें मूंगफली की विशेष गंध होती है इसलिए इसको दही बनाने के लिए उपयोग किया जाता है.
6- Oat Milk जई / जौ का दूध
ओट्स एक बहुत ही स्वास्थवर्धक अनाज माना जाता है. देश में धीरे-धीरे ओट्स का प्रचलन बढ़ता जा रहा है और इसे नाश्ते में नमकीन या मीठा बना कर खाया जाता है. शरीर में कोलोस्ट्रोल की मात्रा कम करने में यह बहुत ही सहायक है.
Oat Milk कैसे बनाये?
एक लीटर गाढ़ा दूध तैयार करने के लिए 100 ग्राम ओट्स का प्रयोग कर सकते हैं. इसको 30 मिनट के लिए पानी में भिगो दें. फिर उसे धोकर सूखाने के बाद सामग्री ब्लेंडर करें और मिश्रण को महीन और चिकनी होने तक उसे पिसे. अंत में पिसे हुये गूदे को छान लें.
यदि आपको मीठा दूध चाहिए तो उसमें खजूर या किसी दूसरे स्वीटनर का उपयोग कर सकते हैं.
अन्य Vegan Milks
7- Rice milk चावल का दूध- यह ज्यादातर ब्राउन राइस से बनाया जाता है.
8- Mellon seeds milk- तरबूज के बीजों को सीधे पानी के साथ पीस कर यह दूध बनाया जा सकता है.
चेतावनी:- किसी भी तरह की vegan milk को प्रयोग करने से पूर्व उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर लें.
*क्या है वेगन डाइट? वेगन डाइट कई तरह की होती है जैसे होल व्हीट वेगन डाइट. इसमें फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स, दाल, नट्स और सीड्स डाइट में शामिल किए जाते हैं. वजन घटाने के लिए लोग वेगन डाइट फॉलो करते हैं. इसमें अगर आप प्लांट बेस्ड दूध यानी वेगन मिल्क शामिल करना चाहते हैं तो ये हैं आपके लिए विकल्प.