Our Dads
YE JINDAGI
umesh ch oberoi
6/26/2025
Somebody hides his Problem,
Somebody hides his Passion,
Somebody hides his Dreams,
Somebody hides his Hobby,
Somebody hides his Pains,
………..yes he is your dad!!!
पिता अक्सर चुपचाप अपने परिवार का बोझ उठाते हैं, अपने संघर्षों, इच्छाओं और सपनों को उनसे छिपाकर रखते हैं जिनसे वें प्यार करते हैं। वे यह सब अपनी अदृश्य जिम्मेदारियों के कारण करते हैं, अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए, या केवल इसलिए कि उन्हें मजबूत और मौन रहने की सामाजिक आदत डाल दी गई है। लेकिन उनकी सहनशीलता के पीछे भी एक इंसान होता है, जो चाहते है कि परिवार उन्हें समझे, सराहे, धैर्य से उसकी तकलिफों को सुने और उसकी क्षमताओं की सीमा को समझने की कोशिश करें।
He hides his Problem
एक पिता अक्सर अपनी परेशानियों को इसलिए छिपा लेते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका कर्तव्य है अपने परिवार को सुरक्षित और निश्चिंत रखना। वे नहीं चाहते कि उनके दुख या संघर्ष उनके अपनों पर बोझ बनें। समाज में भी यह धारणा रही है कि एक पुरुष को हमेशा मज़बूत दिखना चाहिए—कमज़ोरी या चिंता ज़ाहिर करना जैसे एक "कमज़ोरी" मानी जाती है।
लेकिन हर पिता के भीतर भी एक इंसान होता है—जिसे सहारा, समझदारी, और कभी-कभी बस कोई ऐसा चाहिए होता है जो बिना कहे भी सब समझ ले। जब कोई उन्हें पूछे: "आप ठीक हैं?" और दिल से सुने, तो शायद उनके होंठ भले ना हिलें, मगर दिल ज़रूर कुछ कह जाता है।
He hides his Passion
कई बार एक पिता अपने जुनून और इच्छाओं को इसलिए छिपा लेते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके पास अपने लिए समय नहीं है क्योंकि उनका पहला फ़र्ज़ है अपने परिवार की ज़िम्मेदारियों को निभाना। वो सपने जो कभी उनके दिल में थे, अक्सर वो उन्हें चुपचाप एक कोने में रख देते हैं ताकि उनके बच्चों के सपनों को पंख मिल सकें।
और कभी-कभी, समाज उन्हें यह सिखाता है कि एक अच्छा पिता वो है जो त्याग करता है—चाहे उसे खुद की पसंदें, जुनून या ख्वाहिशें क्यों न छोड़नी पड़ें।
लेकिन उस चुप्पी के पीछे एक चमकती सी लौ होती है, जो अब भी अपने मौक़े की तलाश में रहती है।
He hides his Dreams
एक पिता अक्सर अपने जुनूनों को, अपने सपनों को ऐसे छिपा लेते हैं जैसे कोई पुराने खतों को किताबों में दबा दे—जिनमें अब भी जान होती है, लेकिन ज़िम्मेदारियों के पन्नों के बीच कहीं खो जाते हैं। कभी यह प्यार में होता है, कभी मजबूरी में, और अक्सर तो आदत बन जाती है।
लेकिन वह आग पूरी तरह बुझती नहीं। वो हल्के से झलकती है—जब वो कोई पुराना गाना गुनगुनाते हैं, जब उनकी नज़रें क्रिकेट मैच पर कुछ पल ज़्यादा ठहरती हैं, या जब वे अपने बच्चे को वही सपना जीते देखते हैं जो कभी उनका था।
इस तरह के त्याग में एक खामोश कविता सी होती है… लेकिन इससे भी ज़्यादा खूबसूरत वो दुनिया है जहाँ हम अपने पिता को फिर से सपने देखने की इजाज़त दें।
He hides his Hobby
अक्सर एक पिता अपने शौक को छुपा लेते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अब उन चीज़ों के लिए समय नहीं है—या शायद सोचते हैं कि उनकी प्राथमिकता सिर्फ अपने परिवार की जिम्मेदारियाँ हैं। हो सकता है कभी उन्हें चित्र बनाना पसंद था, बांसुरी बजाना आता था, या फुरसत के लम्हों में किसी पुराने फिल्मों के गाना गाने का शौक था, या डॉक टिकट ईकट्ठा करते थे..... लेकिन धीरे-धीरे वे सब चीज़ें जीवन की दौड़ में पीछे छूट जाती हैं।
फिर भी, वो शौक कहीं दिल की गहराईयों में अब भी साँस ले रहे होते हैं—कभी बच्चों को कुछ सिखाते हुए उभर आते हैं, या अकेले बैठे-बैठे मन ही मन जी लिए जाते हैं।
इन छुपे हुए शौकों में भी एक कहानी होती है—बस कोई होना चाहिए जो ध्यान से सुने, समझे और सराहें।
He hides his Pain
कभी-कभी एक पिता अपना दर्द इस तरह छुपा लेते हैं जैसे वो कोई बोझ नहीं, बल्कि एक आदत हो। मुस्कान के पीछे थकान होती है, मज़बूती के पीछे अनकहा डर, और खामोशी में एक गूंज… जो शायद कोई सुने तो सुकून मिल जाए।
वो दर्द जताते नहीं......क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर वो डगमगाए, तो पूरा परिवार हिल जाएगा। इसलिए वो अपने घावों पर ख़ुद ही मरहम लगाते हैं, और दुनिया को दिखाते हैं कि सब ठीक है।
लेकिन जब कोई बस इतना कह देता है, “मैं जानता हूँ, आप कितना सहते हैं”—तो उनके भीतर कुछ पिघलता है। वो राहत जो शब्दों से नहीं, समझ से मिलती है।
अगर आप अपने पिता के बारे में सोच रहे हैं, तो एक पल निकालकर उन्हें यह बताना कितना अच्छा होगा कि आप उन्हें केवल एक जिम्मेदार, कमाने वाले या परिवार रक्षक के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान के रूप में भी देखते हैं जिनके अपने सपने और भावनाएं हैं। एक साधारण-सी बातचीत, हल्का मजाक, एक साझा पल, या केवल चुपचाप साथ देना—ये सब वो बातें हैं जो शब्दों से कहीं ज़्यादा असर कर सकती हैं
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