How to Purchase a Perfect Bike
EDUCATIYA
umesh ch oberoi
1/16/2022
दोपहिया वाहन bike की खरीद। Purchasing a Bike
दोपहिया वाहन या bike लगभग सभी मध्यम वर्गीय शहरी परिवारों की पहली पसंद होती है क्योंकि इसकी खरीद व परिचालन (पेट्रोल और मेंटिनेंस) खर्च उनके बजट में होती हैं. फिर किराये की मकान में रहने वालों को मकान मालिक द्वारा वाहन रखने की सुविधा कम ही मुहैय्या करायी जाती हैं. यदि आपको आवागमन की समस्या (जैसे की office, school या college) हो रही हो तो bike ही ज्यादातर भरोसेमंद और पहली पसंद होती हैं.
अगर आप पहले से ही कोई bike चला रहे हैं और यह पुरानी हो गई और अधिक maintenance expenses के कारण उसे बनाये रखने में दिक्कत हो रही हो तो आपको नई bike लेनी ही चाहिए. इस काम के लिए अपनी पसंद की brand वाली agency पर जाएँ और on road cost पता कर कुछ छूट (discount) करवाँ कर नई bike घर लें आयें. बस आपको यह तय करना है कि कितने बजट की और कौन-सी bike लेनी हैं.
What is your Budget for Bike?
सबसे पहले अपना बजट fix कर लें. मतलब आप bike खरीदने के लिए कितना खर्च कर सकते हैं? यह भी देखें कि यह आपके आय और बचत से परे न हो. अच्छा होगा कि आप लगभग साल भर पहले तय कर लें कि आपको bike खरीदनी हैं. फिर अपनी वर्तमान की बचत को इस काम के लिए रिजर्व कर लें और आज से ही कुछ निश्चित धनराशि बचाना शुरू कर दें. लगभग 12 माह बाद देखेंगे कि आपके पास अच्छी-खासी धनराशि इकठ्ठा हो गयी है. अब भी bike के मूल्य से कम बचत हुई हो तो बाकी धनराशि की व्यवस्था कैसे होगी उसके बारे में विचार करें और उस पर कार्य करना शुरू करें.
How to arrange Finance Resources?
नीचे दिये गये बिन्दुओं पर क्रमवार विचार कर बाकी धनराशि उधार लेने के लिए उसपर काम करना शुरू करें तो काफ़ी परेशानियों से छुटकारा पा सकते है.
1. From Family members
माता-पिता, भाई-बहन से लेकर अन्य रिश्तेदारों से इस बारे में जिक्र करें कि आपको bike खरीदनी है और कुछ धनराशि कम पड़ रही है (उदाहरण दें जैसे कि 25 हजार या 50 हजार). यह ध्यान दें कि जितनी धनराशि खरीदारी में कम पड़ रही हो उतनी ही उधार लें. यदि आवश्यकता से अधिक लेते हैं और उन्हें पता चल जाए तो आपकी credibility कम हो सकती हैं. सबसे जरूरी यह है कि किसी भी हालात में लिये उधारी को जरूर चुकाए.
2. From Friends and colleagues
मित्रों और कार्यस्थल के सहयोगियों से इस खरीदारी का जिक्र करें. हो सके तो दो-चार महीने पहले से ही इस उधारी के बारे में बता दें कि आपको फला महीने इतने रुपयों की जरूरत है क्योंकि bike खरीदनी है और 25 हजार रुपये (उदाहरण के लिये) कम पड़ रहे हैं क्या तब तक इतने रूपयों की व्यवस्था हो जायेगी? साथ ही उस धनराशि को कैसे चुकायेंगे यह भी बता दें ताकि उन्हें तसल्ली हो जाये कि आपका उधारी चुकाने का प्लान क्या है?
3. From your Boss
यदि हो सके तो अपने संस्थान के प्रमुख से bike खरीद में आनेवाली दिक्कतों के बारे में उन्हें अवगत कराये. आखिर आपके पास परिवहन सुविधा हो तो संस्थान में सही समय पर आपके पहुंचने से संस्थान को ही लाभ होगी. अपने boss से आवश्यक धनराशि के बारे में बता दें कि आपको कितनी धनराशि की जरूरत और आप आसानी से कैसे चुकायेंगे? यह उधार वापसी ऐसी होनी चाहिए जिससे कि आपको अपने घर खर्च चलाने में परेशानी न हो.
4. From your Bankers
ज्यादातर banks की policy केवल सरकारी कर्मचारियों को ही loan उपलब्ध कराने की होती हैं. यदि आप सरकारी कर्मचारी है तो आसानी से उचित दर पर loan मिल जायेगी. अपनी मार्जिन मनी के अनुसार किश्तों की गणना करवा कर अपने खाते से ये किश्त कटवा सकते हैं. Bank से loan लेने पर बाहरी finance की अपेक्षा कम ब्याज देना पड़ेगा.
अन्यथा की स्थिति में आप private नौकरी या रोजगार करते हो तो private banks में जाकर finance के बारे में बात करे और उनकी ब्याज दर व शर्तों को समझकर वही अपना saving account खुलवा कर उसमें हर महीने कुछ धनराशि बचाते रहे और उचित समय पर loan प्राप्त कर bike खरीदें.
5. From Automobile Financier
यहाँ पर आपको किसी विशेष finance कंपनी के agent मिल जायेंगे जो आपको उनकी ब्याज दर व शर्तों पर bike खरीदने में मदद करेंगे अर्थात आपको loan उपलब्ध करायेंगे. यदि इनसे loan लेनी हो तो वहाँ पर कागज कलम लेकर जाएं और उनकी पूरी प्लान को नोट करें. यदि हो सके तो 12, 18 और 24 महीने की किश्तों के अनुसार cash down payment (खरीदते समय दी गई धनराशि) और हर महीने दी जाने वाली धनराशि(किश्त) को नोट कर लें.
इसी तरह अन्य एजेंसियों से भी जानकारी लेकर उचित निर्णय लें. (मेरे अनुभव में यह आया है कि हर agency की ब्याज की गणना सिर चकरानें वाली होती हैं जिसे मैथमेटिक्स में PhD holder भी नहीं समझ सकते हैं और समान धनराशि के लिए आपसे अलग-अलग ब्याज लेंगे). यह विकल्प आपकी अंतिम विकल्प होनी चाहिए.
उपरोक्त क्रम 3 से 5 तक के मामले में try करने से पहले काफी विचार कर लें इससे आप पर समय से धनराशि को ब्याज सहित वापस करने के लिए मानसिक दबाव पड़ने की संभावना अधिक होगी.
Which Bike to Opt?
अपनी बजट, saving और finance की व्यवस्था के बाद यह तय कर लें कि आपको कौन सी bike लेनी है? इसके लिए क्या आपने कोई मानक या standard तय कर रखी है? जैसे कि खरीद या सवारी का क्या उद्देश्य है? आप किस विशेष काम के लिये bike खरीदना चाहते हैं.
जब आप agency जायेंगे तब आप अपने आपको भ्रम की स्थिति में पायेंगे क्योंकि वहां बहुत सारी model व क्षमता की नई चमचमाती bike दिखेंगी. Sales person से आपको कोई सहायता नहीं मिलेगी क्योंकि वह अपनी agency के लिए नौकरी करता है न कि आपको सटीक जानकारी देने के लिये वह वहां पर है.
वैसे भी अनुभव में आता है कि ज्यादातर sales person को bikes के technical side की विशेषताओं की कोई जानकारी नहीं होती है; उसे तो केवल रंग रूप, cc कपैसिटी और On Road Price की ही जानकारी होती है. यह भी देखा गया है कि वे अपनी old stock या model की bike आपको टिकाने की कोशिश करते हैं और नये मॉडल के नये features की बुराई करेंगे ताकि उनका old stock साफ हो.
Finance की व्यवस्था के बाद अपने बजट की मनपसन्द bike की खरीद से पहले उसकी तकनीकी पहलुओं पर विचार कर लें.
Check points for purchasing a Bike
अपनी पसंदीदा bike के चयन के लिए internet की सहायता से जानकारी प्राप्त करें या फिर जो कोई आपकी पसंद की model चला रहा हो तो उससे सलाह लेकर आगे बढ़ सकते हैं. आप यह विचार कीजिये कि आप निम्नलिखित points/बिन्दुओं में से किसके लिये bike खरीद रहे हैं?
1- शहर में साधारण सवारी या office/कार्यस्थल में जाने-आने के लिए. 2- गाँव या देहात के इलाकों के लिए. 3- शहर और देहांत दोनों इलाकों में इस्तेमाल के लिए. 4- अपने साथ कुछ सामान लेकर (लगभग 20-30 kg) व्यावसाय करने के लिए.
उपरोक्त कारणों में यदि bike पर ज्यादा load न देकर ज्यादातर आप अकेले ही अपने कार्यस्थल या school/college में जाया करते हैं तो कम cc(cubic centimeter) या HP क्षमता वाली bike लें सकते हैं. अन्यथा अधिक load या देहात की सड़कों के लिये अधिक HP क्षमता वाली bike लेनी ही चाहिए.
2- देहातों में सभी सड़कें single way वाली होती हैं और आगे चलने वाली गाड़ियों को overtake करने के लिए आपकी bike को कुछ powerful होनी ही चाहिए. यह बात on road experience की है और यह आपको दुर्घटना से बचने में मदद भी करती है.
जैसा कि आपको पता है कि मशीनों की क्षमता (शक्ति) के लिए उसे Horse Power (HP) से आंका जाता है. अर्थात कोई विशेष मशीन कितनी शक्तिशाली है और उससे कितना काम लिया जा सकता है इत्यादि.
Bike में HP, उसके इंजन में हवा और ईंधन (जैसे कि Petrol) के दहन की क्षमता पर निर्भर करती है क्योंकि इंजन में जितनी ज्यादा हवा और ईंधन की दहन क्षमता होगी उतनी ही ज्यादा शक्ति (power) उत्पन्न होगी. अतः इसकी गणना इंजन की cubic centimeter (cc) से होती है. इसलिए bike की features में यह बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और आपसे पूछा जा सकता है कि कितने cc की bike चाहिये? जैसे कि 100cc, 110cc या 125 cc इत्यादि की bikes.
तकनीकी रूप से यह भ्रम है कि अधिक cc का मतलब अधिक power. परन्तु bike के इंजन में power के पैदा होने के कई अन्य कारण भी होते हैं जैसे कि इंजन की compression ratio, fuel की injection system या क्षमता और carburetor व engine की टेक्नॉलजी या क्षमता. अब समझे कि इस Power को कैसे आंका जाता है.
Power = Torque X Angular Velocity
अब Torque को समझते है. हम किसी वस्तु पर बल (force) लगाये तो उस वस्तु की स्थिति में परिवर्तन (displacement) होता है और यह परिवर्तन निम्न दो प्रकार का होता है-
सीधी रेखा में. जैसे कि टेबल को धकेलने में.
गोलाई में. जैसे कि नट (nut) को wrench द्वारा खोलने या कसने में लगा बल. गोलाई में लगाये गये बल को Torque कहते हैं.
Bike में उसके पहिये को घुमाने में chain के माध्यम से इंजन द्वारा लगाया गया बल (force) को Torque की क्षमता से समझा जा सकता है और इस क्षमता की गणना कर सकते हैं. जैसेकि-
Angular velocity ( कोणीय वेग) के द्वारा bike की पहिये (wheel) कितनी तेजी से घूम रही है उसे समझा जा सकता है.
इसे एक उदहारण से भी समझने की कोशिश करते हैं. 1 मीटर लंबे मजबूत डोर या रस्सी के एक छोर में कोई वस्तु (माना कि पत्थर) ठीक से बाँधकर उसके दूसरे छोर को पकड़कर गोलाई में घुमाने से आपके द्वारा (हाथ से) लगे बल की गणना Torque से और दूसरे छोर में बंधे पत्थर द्वारा गोलाई में घूमने की गति को Angular velocity कहते हैं. अतः जितनी अधिक Torque होगी उतनी अधिक speed होगी.
इसके अलावा आधुनिक bike में कुछ विशेष सुविधाएं(features) भी होती है जिससे उसके performance को सही तरीके से आंका जा सकता है. जैसे कि-
A. Modern and New Braking system
किसी भी vehicles में brake महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. सुरक्षित और enjoyable riding के लिए इसका कारगर और भरोसेमंद होना जरूरी है. जबसे automotive industry की शुरुआत हुई है तबसे इस पर research होता आया है. वर्तमान में मुख्य रूप से निम्न चार प्रकार के brake system काम में प्रयोग हो रहा है.
B. Combine braking system(CBS)
इसकी विशेषता को निम्न प्रकार से विभाजित कर सकते है-
अधिक स्थिरता के साथ braking दूरी को घटाता है.
आसान controlling situation पाने मे मदद करता हैं.
नौसिखिया Rider को bike के दो brakes में से कब front brake और कब rear brake इस्तेमाल करना है, इस तकनीक का पता नहीं होता है. उसे तो brake लगाने से मतलब होता है. इसी वज़ह से Rider जिस सड़क का अनुभव और bike को चलाने का ज्यादा समय नहीं हुआ है उसे accident का ख़तरा ज्यादा रहता है.
इसलिए कुछ कंपनियों ने अपनी bikes या scooter में इस system का प्रयोग किया जाता है. इसमें Rider rear brake (occasionally left side's brake) को दबाता है तब front और rear दोनों brakes एक साथ काम करना शुरू कर देता है जिससे बेहतर controlling और security बनी रहती है.
C. Drum brake
अभी तक सभी bikes में इसका प्रयोग होता आया है. कंपनियां अपनी bikes की कुछ variant इसी Drum brake के साथ उतार रही हैं. नई technology ने सिद्ध कर दिया है कि अब यह उतनी कारगर और सुरक्षित नहीं मानी जाती हैं.
D. Disk brake
इसमें metallic disk का प्रयोग किया जाता है. Brake लगाने की स्थिति में disk पर caliper की दबाब लगाते समय उसपर लगी pad, disk को दबाती है जिससे घर्षण (friction) पैदा होता है और friction से गर्मी. इस प्रकार गति (dynamic energy) को heat में transfer कर disk मे समान रूप में फैला दिया जाता है और यह गर्मी, हवा का साथ पाकर बेकार हो जाता है (हवा disk को ठंडा करती रहती है).
E. ABS(Anti-lock Brake System)
अचानक ब्रेक लगाने पर bike फिसलने या लहराने लगती है. यदि bike की गति तेज हो तो Rider किसी अन्य वाहन से टकरा सकता है या सड़क पर फिसल कर गिर सकता है. इस system में bike की पहिया पूरी तरह से lock नहीं होती है वरन् प्रति सेकंड की दर से कई बार brake लगती है और छूटती है जिससे bike न फिसलकर कुछ दूर जाकर रुक जाती है और Rider की bike पर control व bike की direction पूर्ववत सीधी ही रहती है.
इस system में कुल चार components होती है जिसे speed sensor, valve, electronic control unit और hydraulic control unit.
F. Fuel supply Technology
Engine में ईंधन(जैसे petrol) के साथ हवा का mixture, combustion chamber में burn होता है. इस काम के लिए दो तरह की तकनीक का प्रयोग किया जाता है.
1) Carburetor आधरित system में हवा और फ्यूल के mixture के ratio को नियंत्रित किया जाता है. Bike के throttle/accelerator को दबाने से engine में हवा का flow बढ़ता और उसी अनुपात में इंधन का प्रवाह भी होता है.
2) Fuel Injection (FI) system मे उपरोक्त की ही भांति इंजन में fuel और हवा का mixture आता है परन्तु electronics और sensor की मदद से सीधे फ्यूल tank के अंदर बने पम्प के माध्यम से. इस तकनीक का लाभ यह है कि यह सटीक हवा और fuel का mixture बनाता है और बेहतर इंधन क्षमता का प्रयोग कर अच्छा mileage देता है.
Engine की नई Technology
bike चलाते समय engine गर्म हो जाती है और इसकी क्षमता में कमी होनी शुरू हो जाती है अतः इसे ठण्डा रखने के लिए विशेष व्यवस्था होती है. इसके अलावा कुछ points की जानकारी रखनी चाहिए ताकि आपकी खरीद और Riding का आनंद बेहतर हो.
A) BS6 Engine- भारत सरकार द्वारा पर्यावरण संबंधी नियमों के अनुसार Automobile industries को आने वाले समय में इस standard के engine बनाना जरूरी है. इसमें carburetor के स्थान पर electronics fuel injection का प्रयोग किया जाता है. यह पुराने BS4 engine की अपेक्षा हवा में 25% नाइट्रोजन आक्साइड की मात्रा कम छोड़ता है. इसके साथ ही catalytic converter का भी प्रयोग करना होगा.\
B) DTSi (Digital Twin Spark ignition) system- यह ईंधन की बचत करने के साथ ही इसकी क्षमता में भी बढ़ोतरी करता है. ज्यादातर पुराने engine में एक ही spark plug लगा होता है, परंतु इसमें दो spark plugs द्वारा engine के अन्दर fuel combustion की अधिकतम क्षमता प्राप्त की जाती हैं.
C) इसके अलावा engine को निम्न प्रकार से भी जाना जा सकता है-
Single Cylinder Engine.
Parallel Twin Engine.
V-Twin Engine.
Boxer Engine.
Combination of chassis and Suspension
उन्नत क्षमता की और बेहतर combination, किसी bike की steering क्षमता में बढ़ोत्तरी लाता है जिससे bike को control करना आसान हो जाता है.
Shock absorber
Shock absorber, suspension system का एक हिस्सा है. यह उबड़-खाबड़ सड़कों पर चलने के दौरान लगने वाले झटकों को सीधे biker को देने की जगह अपने में सोख(absorb कर) लेती है और यात्रा आरामदायक होता है. यदि यह ठीक न हो तो Rider को गहरा झटका लग सकता है और bikes की अन्य पार्ट्स खराब होने की संभावना भी ज्यादा होगी.
Bike को झटकों से बचाने के लिए कुछ विशेष आधुनिक तरीकों का प्रयोग हो रहा है. जैसे कि spring system और nitrox shock absorber (गैस आधारित).
Aerodynamic body design
बेहतर गति और कम घर्षण (friction) क्षमता वाले bike की design work मे हल्के materials का प्रयोग कर अधिक mileage प्राप्त किया जाता है.
Tyre Quality
किसी भी वाहन में engine के बाद Tyre की भूमिका सबसे अधिक होती है. एक अच्छे engine वाले व बेहतर design वाले chassis को premium quality के Tyre में रखा या समायोजित किया जाता है जिससे traction और grip अच्छी हो. Tubeless टायर्स का इस्तेमाल अच्छे और आधुनिक bikes में हो रहा है.
Lightnings
अच्छे और सुरक्षित सफर (riding) के लिए bike में लगे lights की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. अतः halogen headlights व LED वाली DLS (day light system) का प्रयोग भी हो रहा है जिसे दिन में और रात में halogen headlights को इस्तेमाल किया जाता है.
Wheels dimension
आरामदायक Riding और बेहतर controlling के लिए bike की और wheels की height भी मायने रखती हैं. इसलिए अपनी height के मद्देनजर इस पर भी विचार करनी चाहिए.
Auto Start
सभी पुरानी bikes kick start होती थी, परन्तु अब auto start facility के साथ आ रही है जो मुसीबत के समय kick लगाने से छुटकारा देगी.
Other Check Points
Brand, Mileage, Weights of bike, Yours and bikes height combination, service center तक पहुँच, Maintenance cost, Availability of Spare parts, Resale value, Warranty, Bike के साथ मिलने वाली accessories, आपकी Test drive, लोगों की Reviews, Ease of handling(of course your family also).
Rules of the Road
राज्यों की नियमों के मुताबिक bike चलाते समय कुछ वैध (legal) documents का आपके साथ होना जरूरी है. जैसे कि-
a) Driving License- इसे बनवने के लिए अपने शहर या जनपद के R.T.O. में जाकर आवेदन देना पड़ता है. सबसे पहले आपको Learning License बनवानी पड़ेगी (online भी आवेदन कर सकते हैं). फिर इसकी अवधि खत्म होने से पहले ही Permanent Driving License के लिए प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए. इसके लिए समान्य driving test देना पड़ता है.
b) Vehicle Registration Paper- यह bike को खरीदते समय agency द्वारा बनवाया जाता है जो कुछ दिनों के बाद आपको मिल जाएंगी. यदि आप किसी अन्य व्यक्ति से bike खरीद रहे हैं तो R.T.O. जाकर अपने नाम transfer करवा लें अन्यथा आने वाले समय में समस्या हो सकती है.
c) Insurance या बीमा- यह bike की सुरक्षा एवं अपनी चोटों से हुये आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए जरूरी है. इसकी planes की पूरी जानकारी लें कि यह आपकी आवश्यक जरुरतों को पूरा करती है या नहीं. दुर्घटना के बाद किसी भी कानूनी मामलों में इसकी जरूरत होती है.
d) Helmet- यह कोई document तो नहीं है परंतु इसे पहन कर ही driving करनी चाहिए और अनावश्यक चालान से बचना चाहिए.
e) Traffic Rules- सुरक्षित driving के लिए जरूरी नियमों की जानकारी आवश्यक है.
अन्त में; बिना शराब पियें और उत्तेजना या क्रोध के माहौल में ही driving करनी चाहिए.
Edit - आजकल bikes की mudguard की design बेकार की है.... Tyre और mudguard के बीच gap अधिक होने के कारण बरसात के बाद या कीचड़ वाली सड़क पर riding करने पर bike और कपड़े कीचड़ से सराबोर हो जाता है. Manufacturing companies Please इस पर research कर इस कमी को दूर करने का प्रयास करें.
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